हाई दोस्तों,
जेसा की आपको पता हे की में आपके घर पे छोटे बच्चो को कोचिंग देता हूँ तो, उनमे कुछ बड़े बच्चे भी आते हे और कुछ छोटे बच्चे भी | इससे पहले मेने आपको एक लकड़ी की बताई थी जो मेरे पास आती थी पढ़ने के लिए और आअज में एक आंटी की कहानी बताने जा रहा हूँ | मेरे पास एक छोटी बच्ची आती थी वो तीसरी कक्षा में पढ़ती थी, उसकी माँ उसके बारे में पूछने के लिए हफ्ते में तीन चार बार आ ही जाती थी | वो हर समय सारी पेहेन के आती थी और जब भी आती मेरे उपर क्या कर के जाती की पूरा दिन फिर मुझे वोही याद आती थी | एक दिन की बात हे वो मेरे घर पे आई अपने बच्चे को लेके और बैग रखते समय झुकी और जेसे ही वो झुकी उसकी पल्लू सरक गयी और उसके चुचो के दर्शन हो गए मुझे | मेरा तो एक दम से टन गया, और पूरी रात में वोही याद करते रह गया और सुबह उठ के तो मुझे उनके नाम का हिलाना पड़ा | वो क्या चुचे दिकाही थी मुझे मज़ा आ गया था उस वक्त |
उस दिन के बाद में एक दिन अपनी बाइक लेके कही जा रहा था और तभी मुझे दिखी की सामने से वोही आंटी जा रही हे, मैं उनके बाजू से गया और उनके सामने बाइक रोक के लिफ्ट के लिए बोला तो वो मान गयी और मेरे पीछे बैठ गयी | आंटी मुझे चलने से पहले ही बोली की जरा सम्भाल के चलाना मुझे बैक पे दर लगता हे | मेने कहा आंटी टेंशन मत लो बस मुझे पकड़ के बैठ जाओ, आंटी फिर मुझे पकड़ के बैठ गयी, पहले तो उन्होंने मेरे कंधे पे हाथ रखा था और फिर कुछ देर के बाद मेरे जांघ पे हाथ रख दी | उनके घर के सामने मेने बैक रोकी और फिर वो उतर गयी और फिर मुझे धन्यवाद कह के अपने घर को जाने लगी, मेने उस समय ध्यान दिया की उस समय उनकी कमर जादा ही मटक रही थी, या फिर आप एक तरफ से कह सकते हो की मुझे दिखा के मटका रही थी | आंटी कुछ दूर जाने के बाद फिरसे पलट के आई और पूछी की उनकी बेटी केसी पढ़ रही हे, मेने कहा वेसे तो सभी विषय पे ठीक हे पर मैथ्स उसका बहुत कमजोर हें, उसमे उसे बहुत मेहनत करना पड़ेगा | वो बोली की एक काम कीजिये आप उसे कुछ अलग सा समय दे दीजिये | मेने कहा की देखिये मै अपने घर पे जादा देर नही पढ़ा सकता क्युकी मेरे घर पे कोई न कोई आता रहता हें, इसीलिए मुझे जितना खली समय मिलता हें मै उसी मै पढ़ा देता हूँ | वो बोली की आप मेरे घरपे आके पढ़ा दिया करो, मेने कहा ठीक हें कल सुबह आ जाऊंगा |
दुसरे दिन मै उनके घर गया तो देखा की वो बच्ची सो रही हें, उन्होंने मुझे कहा की आप बैठिये मै छोटी को जगा के लाती हूँ, कुछ देर के बाद वो मेरे लिए चाय बन के लेके आई और मुझे देने लगी | चाय देते समय चाय मेरे उपर गिर गया अब पता नही जान्बुज के गिराया या गिर गयी वो तो पता नही पर गिर गयी मेरे उपर | वो तो किस्मत अच्छी थी की चाय जादा गर्म नही थी वरना गांड लग जाती मेरी | आंटी सॉरी सॉरी बोलते हुए मुझे बोली की अपना टी शर्ट दे दीजिये मै धो के देती हूँ | मेने अपनी टी शर्त उतार दी और उन्हें दे दिया, वो उसे लेके बाथरूम चली गयी और फिर वापस आई और बोली की आपके पेंट पे भी तो गिरी हे, वो भी दीजिए में अभी साफ़ कर के लाती हूँ | मेने पहले तो मना किया की नही पेंट ठीक हे पर वो बार बार बोलने लगी और फिर अंत में बोली की इसमे शर्मना क्या, में तो तुम्हारी आंटी हू न इतना क्या शरमाते हो | मेने कहा आंटी अब शर्म नही आएगी तो क्या आएगी, आप चीज़ ही ऐसी मांग रहे हो, आंटी फिरसे बोली की दे दो और ये टावल पेहेन लो मेने फिर उनसे टावल ली और उन्हें पेंट उतार के दे दिया | औंटी मेरी पेंट भी लेके चल दी और दो मिनट के बाद फिरसे आई और बोली क कही जला तो नही और यह कहते कहते वो मेरे लंड की तरफ देखने लग गयी और फिर उसपे हाथ रखने लग गयी, में एक दम उठ गया और बोला अरे आंटी ये आप क्या कर रही हे ? आंटी बोली वोही जो में अपने पती के साथ ठीक से नही कर पाती और फिर उन्होंने मुझे कस के गले लगा लिया |
मेरा तो पहले से तन चूका था और मोका भी अच्छा था सो मैं उन्हें किस करने लग और वो भी मुझे चूमने लगी, दो मिनट के चुम्मा चाटी के बाद उन्होंने हल्का सा हाथ मारा मेरे टावल पे और वो गिर गया और में चड्डी में आ गया | उसके बाद मेने उन्हें कस के गले लगा लिया और वो एक हाथ मेरे लंड पे रख के उसे मसलने लग गी | मैं भी उनके चुचो को मसलने लग गया तो वो बोली यहाँ नही बेडरूम में चलो | मैं फिर उनके साथ बेडरूम में गया, वहा उन्होंने मुझे कस के गले लगा लिया और मुझे चूमने लग गयी, मैं भी उनके होठो को चूसने लग गया और एक हाथ से उनके चुचो को मसलने लग गया | कुछ देर के बाद मेने उन्हें बिस्तर पे लेता दिया और उनके कपडे उतार दिया और उन्हें बस पेंटी और ब्रा में छोड़ दिया | उनके उपर में फिर लेट गया और उन्हें फिरसे चूमने लग गया, थोड़े देर के बाद मैं उनके चुचो को ब्रा के उपर से ही चूमने और काटने लग गया | फिर मेने उनकी ब्रा उतार दी और उनके गुलाबी और बहुत ही प्यारे प्यारे निप्पल को अपने मुह में भर लिया और उसे चाटने और चूसने लग गया | वो अब सिसकिय भरने लग गयी उम्म्मम्म ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह करने लग गयी | मैं उनके चुचो को दोनों तरफ से कस कस के दबाने लग गया, और बिच में उनके चुचो को चूसने लग गया | उनके चुचे इतने बड़े थे की दोनों तरफ से दबाने से में उनके दोनों निप्पल को एक साथ चूस सकता था, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था | मैं उपर उनके चुचो को चूस रहा था और वो निचे से मेरे लंड दबाए जा रहा थी |
फिर में कुछ देर के बाद उठा और फिर उनकी पेंटी निकाल दी, और उनकी चिकनी चुत देख के मेरे मुह में पानी सा आ गया, मेने उनसे पूछा की कब साफ़ की तो वो बोली की जिस दिन तुम मुझे बैक पे बिठाये थे उसी दिन तुम्हारे नाम लेके साफ़ की थी | मैं फिर खुशी से उनके चुत पे मुह रख दिया और और कस कस के उनकी चुत की पंखडियो को चूसने लगा और अपने होठो से उनको काट भी देता | मेने अपने दोनों हाथो से उनकी पंखडियो को अलग किया और उनकी चुत के बिच में अपना जीभ घुमाने लग गया | वो अब बुरी तरह पागल सी होने लगी थी और मेरे सर को अपने चुत में घुसेड़ने की कोशिश कर रही थी | वो अब कस कस के सिसकिय लेने लगी और मेरे सर पे हाथ फेरे जा रही थी | मेने फिर उनकी चुत के छेद में अपनी जीभ डालने लगा तो वो और भी पागल सी हो उठी और उईई ह्म्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लग गयी | मेने उनकी दोनों टांगो को उठा दिया और फिर कस कस के चाटने लग गया उनकी चुत को | मैं बिच बिच में उनकी चुत को अपने होठो से काट भी देता, और वो एक दम से सिमट जाती और कराहने लग जाती | वो मुझे बोली की और जादा देर मत करो जल्दी से अपना ये लंड उतार दो मेरी चुत में, मेरे पती की तरह मुझे प्यासा मत छोडो, जल्दी करो में बहुत प्यासी हूँ ह्म्म्म्म्म्म्म्म्मुफ्फ़ ई और करो और करो और और और करो |
मैं उठा और फिर उनकी चुत में लंड सेट किया और धक्का दे दिया, और वो एक दम से चीख उठी और बोली धीरे करो मेने इतना मोटा लंड नही लिया कभी धीरे धीरे करो, और फिर में धीरे धीरे पेलने लगा, कुछ देर बाद जब उन्हें मज़ा आने लगा तो मेने अपनी गति बड़ा दी और अब में उन्हें कस कस के पेलने लग गया | मेने उनकी टाँगे उठा दी और अपने कंधो पे रख के झटके देने लगा और वो उईईइ उ उ ऊ उ हम आह किया जा रही थी और मेरे झटको के मज़े ले रही थी | मेने अब उनके चुचो को पकड़ के मसलने लगा और निचे से धक्के देता रहा और वो कस कस के चीखते हुए मज़े ले रही थी | वो अब एक बार झड गयी पर मेने अपना धक्का चालू रखा और उन्हें पेलता रहा, कुछ देर बाद उन्होंने अपनी टांगो को मेरे कमर पे बाँध दिया और मुझे अपनी तरफ कसने लग गयी और मेने अपनी गति और बड़ा दी और फिर उनके टांगो को मेने अपने कमर से हटा के पीछे की तरफ कर दिया, अब उन्हने अपने हाथो से मुझे कस के पकड़ रखा था और अपनी नाखूनों को मेरे हाथो में गाड़ने लग गयी | मुझे दर्द तो हो रहा था पर में उन्हें अब भी झटके दिए जा रहा था, अब मुझे लगा की मेरा निकलने वाला हे तो मेने उन्हें कहा की मेरा निकलें वला हे कहा निकलुन्म वो बोली की अंदर ही उतार दो और फिर ये भी बोली की में भी झड़ने वाली हूँ |
अब मेने अपनी गति और तेज कर दी और कुछ तीन चार झटको के बाद मैं उनकी चुत में ही झड गया और वो भी एक दम से फिरसे झड गयी | हम दोनों के मिनट तक वेसे ही रहे और और में अपना पानी उनकी चुत में उतारने लगा और वो भी अपना पानी छोड़ने लग गयी | पूरा पानी निकलने के बाद मुझे काफी खुशी महसूस हुई और वोही सुख उनके चेहरे पे भी देखने को मिल रहा था | पानी निकलें के बाद में उनके उपर लेट गया और हम दोनों एक दूसरे को चुमते रहे और फिर उन्होंने मुझसे पूछा की तुम क्या मेरे पती बनोगे और मुझे इसी तरह खुश रखोगे क्या ? मेने बोला इसमे कोनसी बड़ी बात हे, मैं अबसे आपका पती हूँ और आप मेरी पत्नी | अब इसके बाद तो हम दोनों के बिच में इसी तरह का खेल हफ्ते में दो तीन बार हो ही जाता हे | इस बात को अब चार महिएँ हो गए और अब तक चलता आ रहा हे |
जेसा की आपको पता हे की में आपके घर पे छोटे बच्चो को कोचिंग देता हूँ तो, उनमे कुछ बड़े बच्चे भी आते हे और कुछ छोटे बच्चे भी | इससे पहले मेने आपको एक लकड़ी की बताई थी जो मेरे पास आती थी पढ़ने के लिए और आअज में एक आंटी की कहानी बताने जा रहा हूँ | मेरे पास एक छोटी बच्ची आती थी वो तीसरी कक्षा में पढ़ती थी, उसकी माँ उसके बारे में पूछने के लिए हफ्ते में तीन चार बार आ ही जाती थी | वो हर समय सारी पेहेन के आती थी और जब भी आती मेरे उपर क्या कर के जाती की पूरा दिन फिर मुझे वोही याद आती थी | एक दिन की बात हे वो मेरे घर पे आई अपने बच्चे को लेके और बैग रखते समय झुकी और जेसे ही वो झुकी उसकी पल्लू सरक गयी और उसके चुचो के दर्शन हो गए मुझे | मेरा तो एक दम से टन गया, और पूरी रात में वोही याद करते रह गया और सुबह उठ के तो मुझे उनके नाम का हिलाना पड़ा | वो क्या चुचे दिकाही थी मुझे मज़ा आ गया था उस वक्त |
उस दिन के बाद में एक दिन अपनी बाइक लेके कही जा रहा था और तभी मुझे दिखी की सामने से वोही आंटी जा रही हे, मैं उनके बाजू से गया और उनके सामने बाइक रोक के लिफ्ट के लिए बोला तो वो मान गयी और मेरे पीछे बैठ गयी | आंटी मुझे चलने से पहले ही बोली की जरा सम्भाल के चलाना मुझे बैक पे दर लगता हे | मेने कहा आंटी टेंशन मत लो बस मुझे पकड़ के बैठ जाओ, आंटी फिर मुझे पकड़ के बैठ गयी, पहले तो उन्होंने मेरे कंधे पे हाथ रखा था और फिर कुछ देर के बाद मेरे जांघ पे हाथ रख दी | उनके घर के सामने मेने बैक रोकी और फिर वो उतर गयी और फिर मुझे धन्यवाद कह के अपने घर को जाने लगी, मेने उस समय ध्यान दिया की उस समय उनकी कमर जादा ही मटक रही थी, या फिर आप एक तरफ से कह सकते हो की मुझे दिखा के मटका रही थी | आंटी कुछ दूर जाने के बाद फिरसे पलट के आई और पूछी की उनकी बेटी केसी पढ़ रही हे, मेने कहा वेसे तो सभी विषय पे ठीक हे पर मैथ्स उसका बहुत कमजोर हें, उसमे उसे बहुत मेहनत करना पड़ेगा | वो बोली की एक काम कीजिये आप उसे कुछ अलग सा समय दे दीजिये | मेने कहा की देखिये मै अपने घर पे जादा देर नही पढ़ा सकता क्युकी मेरे घर पे कोई न कोई आता रहता हें, इसीलिए मुझे जितना खली समय मिलता हें मै उसी मै पढ़ा देता हूँ | वो बोली की आप मेरे घरपे आके पढ़ा दिया करो, मेने कहा ठीक हें कल सुबह आ जाऊंगा |
दुसरे दिन मै उनके घर गया तो देखा की वो बच्ची सो रही हें, उन्होंने मुझे कहा की आप बैठिये मै छोटी को जगा के लाती हूँ, कुछ देर के बाद वो मेरे लिए चाय बन के लेके आई और मुझे देने लगी | चाय देते समय चाय मेरे उपर गिर गया अब पता नही जान्बुज के गिराया या गिर गयी वो तो पता नही पर गिर गयी मेरे उपर | वो तो किस्मत अच्छी थी की चाय जादा गर्म नही थी वरना गांड लग जाती मेरी | आंटी सॉरी सॉरी बोलते हुए मुझे बोली की अपना टी शर्ट दे दीजिये मै धो के देती हूँ | मेने अपनी टी शर्त उतार दी और उन्हें दे दिया, वो उसे लेके बाथरूम चली गयी और फिर वापस आई और बोली की आपके पेंट पे भी तो गिरी हे, वो भी दीजिए में अभी साफ़ कर के लाती हूँ | मेने पहले तो मना किया की नही पेंट ठीक हे पर वो बार बार बोलने लगी और फिर अंत में बोली की इसमे शर्मना क्या, में तो तुम्हारी आंटी हू न इतना क्या शरमाते हो | मेने कहा आंटी अब शर्म नही आएगी तो क्या आएगी, आप चीज़ ही ऐसी मांग रहे हो, आंटी फिरसे बोली की दे दो और ये टावल पेहेन लो मेने फिर उनसे टावल ली और उन्हें पेंट उतार के दे दिया | औंटी मेरी पेंट भी लेके चल दी और दो मिनट के बाद फिरसे आई और बोली क कही जला तो नही और यह कहते कहते वो मेरे लंड की तरफ देखने लग गयी और फिर उसपे हाथ रखने लग गयी, में एक दम उठ गया और बोला अरे आंटी ये आप क्या कर रही हे ? आंटी बोली वोही जो में अपने पती के साथ ठीक से नही कर पाती और फिर उन्होंने मुझे कस के गले लगा लिया |
मेरा तो पहले से तन चूका था और मोका भी अच्छा था सो मैं उन्हें किस करने लग और वो भी मुझे चूमने लगी, दो मिनट के चुम्मा चाटी के बाद उन्होंने हल्का सा हाथ मारा मेरे टावल पे और वो गिर गया और में चड्डी में आ गया | उसके बाद मेने उन्हें कस के गले लगा लिया और वो एक हाथ मेरे लंड पे रख के उसे मसलने लग गी | मैं भी उनके चुचो को मसलने लग गया तो वो बोली यहाँ नही बेडरूम में चलो | मैं फिर उनके साथ बेडरूम में गया, वहा उन्होंने मुझे कस के गले लगा लिया और मुझे चूमने लग गयी, मैं भी उनके होठो को चूसने लग गया और एक हाथ से उनके चुचो को मसलने लग गया | कुछ देर के बाद मेने उन्हें बिस्तर पे लेता दिया और उनके कपडे उतार दिया और उन्हें बस पेंटी और ब्रा में छोड़ दिया | उनके उपर में फिर लेट गया और उन्हें फिरसे चूमने लग गया, थोड़े देर के बाद मैं उनके चुचो को ब्रा के उपर से ही चूमने और काटने लग गया | फिर मेने उनकी ब्रा उतार दी और उनके गुलाबी और बहुत ही प्यारे प्यारे निप्पल को अपने मुह में भर लिया और उसे चाटने और चूसने लग गया | वो अब सिसकिय भरने लग गयी उम्म्मम्म ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह करने लग गयी | मैं उनके चुचो को दोनों तरफ से कस कस के दबाने लग गया, और बिच में उनके चुचो को चूसने लग गया | उनके चुचे इतने बड़े थे की दोनों तरफ से दबाने से में उनके दोनों निप्पल को एक साथ चूस सकता था, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था | मैं उपर उनके चुचो को चूस रहा था और वो निचे से मेरे लंड दबाए जा रहा थी |
फिर में कुछ देर के बाद उठा और फिर उनकी पेंटी निकाल दी, और उनकी चिकनी चुत देख के मेरे मुह में पानी सा आ गया, मेने उनसे पूछा की कब साफ़ की तो वो बोली की जिस दिन तुम मुझे बैक पे बिठाये थे उसी दिन तुम्हारे नाम लेके साफ़ की थी | मैं फिर खुशी से उनके चुत पे मुह रख दिया और और कस कस के उनकी चुत की पंखडियो को चूसने लगा और अपने होठो से उनको काट भी देता | मेने अपने दोनों हाथो से उनकी पंखडियो को अलग किया और उनकी चुत के बिच में अपना जीभ घुमाने लग गया | वो अब बुरी तरह पागल सी होने लगी थी और मेरे सर को अपने चुत में घुसेड़ने की कोशिश कर रही थी | वो अब कस कस के सिसकिय लेने लगी और मेरे सर पे हाथ फेरे जा रही थी | मेने फिर उनकी चुत के छेद में अपनी जीभ डालने लगा तो वो और भी पागल सी हो उठी और उईई ह्म्म्म्म्म्म अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करने लग गयी | मेने उनकी दोनों टांगो को उठा दिया और फिर कस कस के चाटने लग गया उनकी चुत को | मैं बिच बिच में उनकी चुत को अपने होठो से काट भी देता, और वो एक दम से सिमट जाती और कराहने लग जाती | वो मुझे बोली की और जादा देर मत करो जल्दी से अपना ये लंड उतार दो मेरी चुत में, मेरे पती की तरह मुझे प्यासा मत छोडो, जल्दी करो में बहुत प्यासी हूँ ह्म्म्म्म्म्म्म्म्मुफ्फ़ ई और करो और करो और और और करो |
मैं उठा और फिर उनकी चुत में लंड सेट किया और धक्का दे दिया, और वो एक दम से चीख उठी और बोली धीरे करो मेने इतना मोटा लंड नही लिया कभी धीरे धीरे करो, और फिर में धीरे धीरे पेलने लगा, कुछ देर बाद जब उन्हें मज़ा आने लगा तो मेने अपनी गति बड़ा दी और अब में उन्हें कस कस के पेलने लग गया | मेने उनकी टाँगे उठा दी और अपने कंधो पे रख के झटके देने लगा और वो उईईइ उ उ ऊ उ हम आह किया जा रही थी और मेरे झटको के मज़े ले रही थी | मेने अब उनके चुचो को पकड़ के मसलने लगा और निचे से धक्के देता रहा और वो कस कस के चीखते हुए मज़े ले रही थी | वो अब एक बार झड गयी पर मेने अपना धक्का चालू रखा और उन्हें पेलता रहा, कुछ देर बाद उन्होंने अपनी टांगो को मेरे कमर पे बाँध दिया और मुझे अपनी तरफ कसने लग गयी और मेने अपनी गति और बड़ा दी और फिर उनके टांगो को मेने अपने कमर से हटा के पीछे की तरफ कर दिया, अब उन्हने अपने हाथो से मुझे कस के पकड़ रखा था और अपनी नाखूनों को मेरे हाथो में गाड़ने लग गयी | मुझे दर्द तो हो रहा था पर में उन्हें अब भी झटके दिए जा रहा था, अब मुझे लगा की मेरा निकलने वाला हे तो मेने उन्हें कहा की मेरा निकलें वला हे कहा निकलुन्म वो बोली की अंदर ही उतार दो और फिर ये भी बोली की में भी झड़ने वाली हूँ |
अब मेने अपनी गति और तेज कर दी और कुछ तीन चार झटको के बाद मैं उनकी चुत में ही झड गया और वो भी एक दम से फिरसे झड गयी | हम दोनों के मिनट तक वेसे ही रहे और और में अपना पानी उनकी चुत में उतारने लगा और वो भी अपना पानी छोड़ने लग गयी | पूरा पानी निकलने के बाद मुझे काफी खुशी महसूस हुई और वोही सुख उनके चेहरे पे भी देखने को मिल रहा था | पानी निकलें के बाद में उनके उपर लेट गया और हम दोनों एक दूसरे को चुमते रहे और फिर उन्होंने मुझसे पूछा की तुम क्या मेरे पती बनोगे और मुझे इसी तरह खुश रखोगे क्या ? मेने बोला इसमे कोनसी बड़ी बात हे, मैं अबसे आपका पती हूँ और आप मेरी पत्नी | अब इसके बाद तो हम दोनों के बिच में इसी तरह का खेल हफ्ते में दो तीन बार हो ही जाता हे | इस बात को अब चार महिएँ हो गए और अब तक चलता आ रहा हे |
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