Friday 27 January 2012

seema ki jawani

हाई दोस्तों,

सबसे पहले उस लकड़ी के बारे में बताता हूँ, उस लकड़ी का नाम सीमा है उसकी उम्र १८ थी, एक दम जवान और एक दम हसीं लड़की आप यूँ बोल सकते हो की इंसानों की परी हे वो | रंग रूप नाप सब एक दम सही सही था, कोई भी देखता उसे तो पागल हो जाता | उसके चुचे तो उभरे उभरे रसीले थे, गांड एक दम फिट और उसकी कमर एक दम पतली थी |

ये आज से एक साल पहले की बात हे, उस दिन में काम से थका हुआ आया था और फ्रेश होकर अपने कमरे में बैठा था, इतने मैं मेरी भाभी का फोन आया और कहा की समर जरा घर पे तो आना कुछ जरुरी काम हे, मेने कहा ठीक हे दस मिनट रुको में आता हूँ | मैं जूस पीके निकल गया और उनके घर पहुच गया | उनके घर पंहुचा और और बात करने लगा, थोड़े ही देर में उनके घर में मेहमान आये, वो भाभी को ईद की बधाई देने आये थे | उनमे से एक अल्द्की थी जिसका नाम सीमा था जिसके बारे में मेने आपको बताया | मेरी और भाभी की बात हो चुकी थी और में जाने ही वाला था की वो लोग आ गए, मेरी नज़र तब सीमा पे पड़ी और में उसे देखता ही रह गया क्युकी मेने अपने पुरे जिंदगी में उतनी खूबसूरत लड़की नही देखी थी | मेने तभी सोच लिया की अब तो में इस लकड़ी से बात किये बिना यहाँ से नही जाऊंगा और यह सोच के में वही रुक गया | थोड़े देर के बाद भाभी ने मेरा उनसे परिचय करवाया | मुझे तो बस उस वक्त मोका ही मिल गया था सीमा से बात करने का |

मेने सीमा से बात करनी शुरू की, बातो बातों में उसने बाते की वो अभी ११ कर रही हे, फिर हम बात करते करते घर के सामने हरा भरा गार्डन हे वहा तक पहुच गए, मेने उसको वहा पे पूछा की आपका कोई बोय्फ्र्न्द हे क्या उसने कहा जी नही हे, उसके बाद मेने उसका नो. पूछा तो उसने मना कर दिया | हम फिर आगे बात करते रहे और मेरी नज़र बार बार सुके फिगर की तरफ जा रहा था और में उसे दख के पागल सा हुए जा रहा था, और में यही सोच रहा था की एक बार ये मिल जाये ऐसा चोदुंगा की अगले दो हफ्तों तक लंड खड़ा न हो मेरा | मैं एक दम पागल सा हो चूका था, मेने फिर उसको पकड़ के उसके होठो पे किस कर दिया और फिर उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया | वो वहा से एक दम से भागी और जाके भाभी के कमरे में बात गयी, बाकी सब तो होल रूम में बैठे थे, मैं भी भाभी के कमरे में घुस गया, मुझे देखते ही वो वहा से उठी और जाने लगी, मेने उसका हाथ पकड़ के उसको अपनी तरफ खीचा तो वो बिस्तर पे गिर गयी | उसने मुझे गुस्से में कहा की आप पागल हो क्या ? मैं तो उस वक्त सही में पागल हो चूका था |

अब मुझसे और रहा नही जा रहा था सो मेने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और कुण्डी लगा दी | मैं फिर उसके पास गया और उसे चूमने लगा, वो मुझसे छूटना चाहती थी पर मेने उसको पूरी ताकत से कस के पकड़ रखा था | मैं करीब पाँच मिनट तो उसके होटो को चूसता रहा और फिर धीरे धीरे उसके चुचो को मसलने लगा, उसके चुचे एक दम रुई की तरह नरम नरम थे, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था दबाने में | फिर धीरे धीरे मेने उसके टॉप के अंदर हाथ डालना शुरू कर दिया और उसके ब्रा के उपर से ही दबाने लग गया तो वो एक दम से मुझे धक्का देके भागने लगी तो मेने उसे फिरसे खीच कर बिस्तर पे पटक दिया और फिर जबरदस्ती उसके टॉप और जींस खीच के उतार दी | अब वो मेरे सामने ब्रा और पनटी में लेटी थी, वो अब गिडगिडाने लग गयी समीर मुझे छोड़ दो जाने दो मुझे पर उस समय मेरी नज़र में बस चुदाई का सीन चल रहा था और में ऐसे मोके को गवाना नही चाहता था | मैं उसके उपर लेट गया और उसके ब्रा को खीच कर उसके चुचो को बाहर कर दिया, उसके चुचे दख के में पागल सा हो गया इतने बड़े और एक दम गोरे गोरे निप्पल तो इतने प्यारे लग रहे थे की पूछो मत |

मेने उसके एक चुचे को हाथ में लिया और दबाने लग गया और दूसरे को मुह में भर लिया, मैं उसके निप्पल को जीभ से चाटने लगा और फिर उसके चूसने लग गया | उसके चुचे अब एक दम से कडक होने लग गए, अब उसे भी मज़ा आ रहा था क्युकी वो अब अपने शिरी को ढीला कर रही थी | अब उसने धीरे धीरे सिसकिय भरने लग गयी अह्ह्ह्ह्ह्ह हम्मम्मम समीर मुझे कुछ हो रहा हे, क्या कर रहे हो तुम ? में मना कर रही थी न मत करो मुझे अजीब सा कुछ हो रहा हे अब करते रहो ऐसे ही करते रहो | मैं करीब पाँच मिनट तक उसके चुचो को चूसा और खेलता रहा | अब उसके आँखों में भी नशा छाया हुआ था | अब वो मेरे छाती पे हाथ फेरने लग गयी और ओ ओह्ह्ह हम कर के बोलने लगी की और चूसो मुझे बहुत अच्छा लग रहा हे | अब मेने धीरे धीरे उसके पेंटी के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी चुत पे हाथ फेरने लगा, उसकी चुत एक दम गीली हो चुकी थी | मेने फिर बिना कुछ बोले उसकी पेंटी निचे कर दी, और वो भी अपनी कमर उठा के पेंटी खोलने में मेरी मदद करने लग गयी | अब समय बर्बाद न करते हुए मेने भी अपनी पेंट और चड्डी उतार दी, वो मेरे मोटे लंड को कुछ देर देखी और बोली इतना बड़ा, मुझे ये नही चाहिए |

मैं उसकी एक न सुनी और उसके उपर लेट गया और उसके चुत पे लंड रगड़ने लग गया | वो बोली समीर इसके आगे कुछ मत करना वरना मई माँ बन जाउंगी | मेने उसकी एक भी बात न सुनी और उसकी चुत के छेद के पास लंड रख दिया और उसके होठो पे अपने होठ रख दिया ताकि अगर वो चिल्लाये तो उसकी चीख बाहर न जाये | मेने उसकी चुत पे एक जोर दार धक्का दिया और मेरा लंड उसकी चुत को चीरता हुआ अंदर चला गया, और उसकी आँखों से आंसू बाहर आ गए | जो तडपने लगी पर मेने उसे हिलने न दिया, मैं वही रुक गया और थोड़े देर के बाद एक और धक्का दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया | वो बहुत तदपि पर में रुका नही उर धक्के पे धक्के देता गया और फिर कुछ देर के बाद वो शांत हो गयी और फिर मज़े लेने लग गयी मेरे लंड की वो कहने लग गयी अह्ह्ह्ह्ह्ह समीर और चोदो मुझे और हम्मम्मम उफ्फ्फ ऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ़ अह्हह्ह और जोरसे और जोरसे चोदो मुझे और चोदो मुझे मुझे कुछ हो रहा हे और करो ह्म्म्म्म्म्म्म और इतना कहते कहते वो झड गयी, पर में अब तक नही झडा था और कुछ देर के बाद मेने अपनी गति बड़ा दी और वो भी पूरा पूरा मज़ा लेने लग गयी और अपनी कमर उछाल उछाल के मेरे लंड को जल्दी जल्दी अंदर लेने लग गयी |

मेरा अब निकलने वाला था तभो मेने झटके से अपना लंड निकाल दिया और जबरदस्ती उसके मुह में घुसा दिया और दो तीन झटको में मेने उसके मुह में ही छोड़ दिया वो मुझे गुस्से से देखने लगी | उसने पूरा मुठ थूक दिया और मैं जल्दी से चड्डी पहनी पेंट पहनी और ठीक होके जल्दी से बाहर चला गया | बाहर जाके देखा तो अब भी सब आराम से बैठ कर बात कर रहे थे, और यहाँ मेरी पूरी चुदाई हो गयी |

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